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मधुमेह को घरेलू इलाज से करें कंट्रोल


मधुमेह बीमारी में रक्त में शर्करा की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है। अभी तक इसका कोई स्थाई इलाज सामने निकल कर नहीं आया है। इसलिए अगर आपको डायबीटीज को कंट्रोल करना है, तो अच्छा पौष्टिक आहार और अपने लाइफस्टाइल में परिवर्तन लाना होगा। इस बीमारी को घरेलू इलाज से काफी हद तक कम किया जा सकता है। आइए जानते है मधुमेह को घरेलू इलाज से कैसे कंट्रोल कर सकते हैं।

मधूमेह को ठीक करने के लिए घरेलू इलाज- 

1.    करेला- डायबिटीज में करेला काफी फायदेमंद होता है, करेले में कैरेटिन नामक रसायन होता है, इसलिए यह प्राकृतिक स्टेरॉयड के रुप में इस्तेमाल होता है, जिससे खून में शुगर लेवल नहीं बढ़ पाता। करेले के 100 मिली. रस में इतना ही पानी मिलाकर दिन में तीन बार लेने से लाभ होता है।

2.    मेथी- मधुमेह के रोगियों के लिए मेथी बहुत फायदेमंद होता है। अगर आप रोज़ 50 ग्राम मेथी नियमित रुप से खाएगें तो निश्चित ही आपका ग्लूकोज़ लेवल नीचे चला जाएगा, और आपको मधुमेह से राहत मिलेगी।

3.    जामुन- जामुन का रस, पत्ती़ और बीज मधुमेह की बीमारी को जड़ से समाप्त कर सकता हैं। जामुन के सूखे बीजों को पाउडर बना कर एक चम्मच दिन में दो बार पानी या दूध के साथ लेने से राहत मिलती है।

4.    आमला- एक चम्मच आमले का रस करेले के रस में मिला कर रोज पीएं , यह मधुमेह की सबसे अच्छी दवा है।

5.    आम की पत्ती – 15 ग्राम ताजे आम के पत्तों को 250 एमएल पानी में रात भर भिगो कर रख दें। इसके बाद सुबह इस पानी को छान कर पी लें। इसके अलावा सूखे आम के पत्तों को पीस कर पाउडर के रूप में खाने से भी मधुमेह में लाभ होता है।

6.    शहद- कार्बोहाइर्ड्रेट, कैलोरी और कई तरह के माइक्रो न्यू ट्रिएंट से भरपूर शहद मधुमेह के लिए लाभकारी है। शहद मधुमेह को कम करने में सहायता करता है।

इसके अलावे इनका सेवन करने से भी मधुमेह में आराम मिलता है-

1.    एक खीरा, एक करेला और एक टमाटर, तीनो का जूस निकालकर सुबह खाली पेट पीने से मधुमेह नियंत्रित होता है।

2.    नीम के सात पत्ते सुबह खाली पेट चबाकर या पीसकर पानी के साथ लेने से मधुमेह में आराम मिलता है।

3.    सदाबहार के सात फूल खाली पेट पानी के साथ चबाकर पीने से मधुमेह में आराम मिलता है।

4.    जामुन, गिलोय, कुटकी, नीम के पत्ते, चिरायता, कालमेघ, सूखा करेला, काली जीरी, मेथी इन सब को समान मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण सुबह-शाम खाली पेट पानी के साथ लें, इससे मधुमेह में आराम मिलता है।

मधुमेह है तो इन आहार से दूर रहें


दुनिया भर में मधुमेह को बहुत खतरनाक रोग माना जाता है, आधुनिक जीवनशैली और सुख सुविधाओं ने जहां मनुष्य के जीवन को आसान किया है। वहीं उसे मधुमेह जैसी बीमारी भी भेंट में दी हैं। यह बीमारी एक बार लग जाए तो ठीक होने का नाम नहीं लेती, क्योंकि इसे काबू में तो रखा जा सकता है, पर पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता। क्योंकि इस रोग में रक्त में ग्लूकोज की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है।

इन आहार से दूर रहें-

1.    मीठे से दूर रहें

वैसे तो ऐसे लोग बहुत बड़ी संख्या में हैं, जो मीठा खाना पसंद नहीं करते, लेकिन इसके बावजूद वे मधुमेह के शिकार हैं। मधुमेह मीठा खाने के कारण नहीं होता, लेकिन एक बार यह हो जाए तो मरीज को मीठे से दूर रहना पड़ता है। इसलिए कोशिश करें कि मिठाई ना खाएं।

2.    जमीन के अंदर उगनेवाले चाजों से बचें

शकरकंदी, अरवी, आलू और ऐसी कई चीजे जो जमीन के अंदर उगती है, उनको ना खाएं या कोशिश करें कि कम से कम मात्रा में इनका सेवन करें।

3.    जंक फ़ूड से दूर रहें

जंक फ़ूड बिल्कुल ना खाएं, इससे मधुमेह का खतरा और बढ़ जाता है। साथ ही तली हुई चीजें भी ना खाएं, यह आपकी बीमारी को और बढ़ा देगा। अंकुरित अन्न को उबालकर या भुनकर खाएं पर तलकर नहीं खाएं।

4.    सूखा मेवा ना खाएं

अगर आपको मधुमेह है तो आप सूखा मेवा कभी नहीं खाएं, और अगर खाना भी हो तो इन्हे पानी में भिगोकर खा सकते हैं।

5.    वसायुक्त भोजन ना करें

मधुमेह से बचना है, तो वसायुक्त भोजन कम लें। वसा या कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन करने से मधुमेह बढ़ता है। इसलिए वसा या कार्बोहाइड्रेट की कम मात्रा वाला भोजन लेने से मधुमेह से बचाव हो सकता है।

6.    चावल ना खाएं 

अगर आप रोज एक बड़ा बाउल सफेद चावल खाते हैं, तो आपको टाइप-2 मधुमेह होने का खतरा सामान्य से 11 प्रतिशत ज्यादा होता है। चावल के पकाने की विधि पर उसके खाने से होने वाला फायदा या नुकसान निर्भर करता है। अगर चावल की बिरयानी बनाई जाए या चावल को मांस या सोयाबीन के साथ खाया जाए, तो डाइबिटीज होने का खतरा ज्यादा रहता है। क्योंकि इससे शरीर में रक्त में शर्करा की मात्रा पर असर पड़ सकता है।

7.    इन फलों से दूर रहें

केला, आम, लीची जैसे फलों को ना खाएं या कम मात्रा में खाएं, क्योंकि इससे मधूमेह का खतरा बढ़ता है।

8.    इनसे भी दूर रहें

अगर आपको मधुमेह हो तो आप आइसक्रीम, केक, पेस्ट्री आदि से भी परहेज रखें। यह आपके स्वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक होते है।

मधुमेह रोगियों के लिए हेल्दी ड्रिंक


मधुमेह बीमारी में रक्त में शर्करा की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है। अगर आपको मधुमेह हो गया है तो आपको अपने खाने-पीने  का पूरा ख्याल रखना चाहिए, ताकि आपका डायबिटीज़ कंट्रोल में रहे, इसके लिए आपको अच्छा पौष्टिक आहार लेना चाहिए। मधुमेह के रोगी हेल्दी ड्रिंक लेकर भी इस बीमारी को कंट्रोल कर सकते है। आइए जानते है मधुमेह में आप कौन से हेल्दी ड्रिंक ले सकते हैं और स्वस्‍थ रह सकते है।

साफ्ट ड्रिंक

अगर आप साफ्ट ड्रिंक पीने के शौकिन है तो साफ्ट ड्रिंक जरूर पीएं मगर कम मात्रा में, क्योंकि साफ्ट ड्रिंक में शुगर की मात्रा ज्यादा होती है। साथ ही कोशिश करें कि जो भी साफ्ट ड्रिंक पीएं वो शुगर फ्री हो।

जूस  

मधुमेह रोगियों के लिए जूस स्वास्‍थ्‍य वर्धक होता है और स्वास्‍थ्‍य वर्धक नहीं भी हो सकता है। यह हमारे शरीर के लिए लाभदायक होती है। साथ ही इनसे वेट भी बढ़ता है जो मधुमेह रोगी हैं, उनके लिए यह बिल्कुल भी सही नहीं है। इसलिए जूस लेते समय उसके पोषक तत्वों  का ध्यान रखें। ऐसे जूस ही पाएं जिनमें कार्बोहाइडेट, शुगर और नमक कम मात्रा में हो।

दुध

मधुमेह रोगियों के लिए दूध स्वास्‍थ्‍य वर्धक भी हो सकता है। लेकिन आप ऐसे दूध का सेवन करें जिसमें फैट ना हो।

चाय और कॉफी

मधुमेह रोगी चाय और कॉफी पी सकते है। चाय और कॉफी ना सिर्फ कैलो‍री और शुगर फ्री होते है। बल्कि यह ऐन्टीऑक्सिडेंट से भरपूर होते है। रोज सुबह एक कप ग्रीन टी का सेवन करना अच्छा होता है। इससे हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पर पहले से बनी हुई चाय या कॉफी का सेवन ना करें। यह आपको नुकसान पहुंचा सकता है।

पानी 

मधुमेह रोगियों को ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। पानी से अच्छा कुछ भी नहीं है। अच्छे स्वस्‍थ्‍य के लिए पानी बहुत जरूरी है, चाहे आपको मधुमेह हो या ना हो। यह हमारे रक्ता संचार और लिवर सिस्टम को सही रखता है, और मधुमेह को रोकने में मदद करता है। कभी कभार पानी के स्वाद को बदलने के लिए उसमें नीबू मिलाकर ले सकते है।

मधुमेह रोग में लाभकारी है दालचीनी


मधुमेह यानि डायबिटीज एक खतरनाक रोग अवश्य है, लेकिन इसका मरीज कई तरीको से इस रोग को नियंत्रण में रख सकता है। मधुमेह को नियंत्रण में रखने का पहला तरीका है सही खाद्य पदार्थों का सेवन करना। मधुमेह रोग में दालचीनी खाना काफी फायदेमंद होता है।

दालचीनी का रोजाना सेवन करने से मधुमेह से बचाव होता है। मधुमेह रोगियों में दालचीनी रक्त शर्करा में कमी लाती है।

दालचीनी

दालचीनी एक मसाला ही नहीं, बल्कि एक औषधि भी है। दालचीनी कैल्शियम और फाइबर का एक बहुत अच्छा स्रोत है। दालचीनी मधुमेह को सन्तुलित करने के लिए एक प्रभावी ओषधि है, इसलिए इसे गरीब आदमी का इंसुलिन भी कहते हैं।
दालचीनी ना सिर्फ खाने का जायका बढ़ाती  है, बल्कि यह शरीर में रक्त शर्करा को भी नियंत्रण में रखता है। जिन लोगों को मधुमेह नहीं है वे इसका सेवन करके मधुमेह से बच सकते हैं। और जो मधुमेह के मरीज हैं वे इसके सेवन से ब्लड शुगर को कम कर सकते है।

सेवन विधि:-

•    1 कप पानी में दालचीनी पाउडर को उबालकर, छानकर रोजाना सुबह पियें। इसे कॉफी में भी मिलाकर पी सकते हैं। इसे सेवन करने से मधुमेह में लाभ होगा।

सावधानी:- दालचीनी बताई गई अल्प मात्रा में लें, इसे अधिक मात्रा में लेने से हानि हो सकती है।

•    रोज तीन ग्राम दालचीनी लेने से न केवल रक्त शर्करा की मात्रा कम होती है, बल्कि  सही से भूख भी लगती है।

•    दालचीनी को पीसकर चाय में चुटकी भर मिलाकर रोज दिन में दो तीन बार पीएं। इससे मधुमेह की बीमारी में आराम मिलेगा।

सावधानी:- इसका ज्यादा सेवन करना उचित नहीं होता, इसलिए रोजाना थोड़ा-थोड़ा हीं सेवन करें।

•    दालचीनी और पानी के घोल के प्रयोग से रक्त में शर्करा के स्तर में कमी आ जाती है।

वैसे दालचीनी का सेवन करने से पहले आप अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।

मधुमेह रोगी भी खा सकते हैं अंगूर


अगर आप नियमित तौर पर अंगूर का सेवन करते हैं तो आप कभी भी मधुमेह का शिकार नहीं होंगे क्योंकि अंगूर में वे तत्व होते हैं जो आपको मधुमेह से बचाते हैं। अंगूर का सेवन मधुमेह के एक अहम कारक मेटाबोलिक सिंड्रोम के जोखिम से बचाता है। अंगूर शरीर में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है। शोधों में भी यह बात साबित हो चुकी है कि जो लोग नियमित रूप से अंगूर का सेवन करते हैं उनमें मधुमेह का खतरा काफी कम होता है। शोध के मुताबिक अंगूर जैसे फाइ टोकैमिकल से भरपूर फल खाने से लोगों को इसका फायदा मिलता है।मधुमेह रोगियों को अपने आहार में विटामिन, मिनरल व फाइबर युक्त फलों को शामिल करना चाहिए। जिन फलों में कार्बोहाइड्रेट होता है उनके सेवन से शरीर में ब्लड ग्लूकोज का स्तर ठीक रहता है।

 

अंगूर व मधुमेह

 

आधा कप अंगूर से आपको 52 कैलोरी मिलती है। अंगूर प्राकृतिक रुप से मीठा होता है इसमें किसी तरह का शुगर नहीं होता है। मधुमेह रोगी अंगूर जैसे अन्य फल जो  प्राकृतिक रुप से मीठे हो, खा सकते हैं। इससे किसी तरह का खतरा नहीं होता है। लाल अंगूर में फाइबर भी पाया जाता है इसके अलावा एक अलग तरह का कार्बोहाइड्रेट भी पाया जाता जो ब्लड शुगर का लेवल नहीं बढ़ता है।अंगूर में ग्लूकोज पाया जाता है जो रसायनिक प्रकिया के जरिए शरीर द्वारा सोख लिया जाता है । इसलिए अंगूर खाने के बाद आपको तुरंत ऊर्जा का एहसास होता है। अंगूर को सुबह सुबह खाली पेट खाना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। अंगूर के सेवन से मधुमेह के अलावा आपका हृदय भी स्वस्थ रहता है साथ ही आप ब्लड प्रेशर की समस्या से भी बच सकते हैं। मधुमेह में हृदय रोग व रक्त चाप की समस्या बहुत ही खतरनाक साबित होसकती है।

 

अंगूर के अन्य फायदे

  •     अंगूर दिमाग के लिए काफी फायदेमंद होता है। अक्सर बच्चों को परीक्षा के समय उनके माता पिता खाने के लिए अंगूर देते हैं क्योंकि इससे उनके दिमाग को रिफ्रेशमेंट मिलता है और याद्दाशत मजबूत होती है।
  •     अंगूर में कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने की शक्ति है। कैंसर को नियंत्रित करने के लिए अंगूर खाने की सलाह दी जाती है।
  •     अंगूर आपके हृदय को स्वस्थ रखता है जिससे आप हृदय रोगों से दूर रहते हैं।
  •     अंगूर का रस माइग्रेन में काफी फायदेमंद है।
  •     अंगूर का सेवन गुर्दे के रोग में भी किया जाता है। अंगूर गुर्दे व लीवर से विषैले तत्व को बाहर निकालता है।

मधुमेह में पानी पीने के फायदे


‘जल ही जीवन है’ यह तो आपने सुना ही होगा। लेकिन पानी सिर्फ प्‍यास बुझाने के ही काम नहीं आता, बल्कि कई रोगों के इलाज में भी मददगार होता है। मधुमेह रोगियों के लिए भी पानी काफी अच्‍छा होता है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि अगर आप मधुमेह की बीमारी से बचना चाहते हैं तो ज्यादा से ज्यादा पानी पीना शुरू कर दें

मधुमेह के रोगियों के लिए पानी पीने के फायदे- 

हॉवर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं बताया है कि सह मधुमेह में बेहद लाभदायक होता है। करीब एक दशक में 83 हजार महिलाओं के पानी पीने के आदतों पर शोध करने के बाद यह नतीजा सामने आया है शोध में यह बात सामने आई है कि सादा पानी पीने से मधुमेह का खतरा कम हो जाता है।

एक व्यक्ति को दिन भर में 8-10 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। मधुमेह रोगी को अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। ऐसे में वे नींबू पानी लेंगे तो यह उनकी सेहत के लिए और भी अच्छा होगा।

मोटापा भी काबू करता है पानी 

पानी मोटापा कंट्रोल करने में मदद करता है। पानी में जीरो कैलोरी होती है। यह भूख को कम करता है जिससे अतिरिक्‍त भोजन करने की जरूरत नहीं पड़ती। ठंडा पानी पीना ज्यादा बेहतर होगा क्योंकि यह जल्दी अवशोषित होता है। इससे मधुमेह का खतरा भी कम होता है।

कब न पीएं पानी

शरीर से स्रावित होने वाले पाचक रस ही भोजन पचाने में सहायक होते हैं। बेहतर होगा कि भोजन से आधा घंटा पहले और भोजन करने के आधा घंटा बाद तक पानी न पीएं।

कैसे जियें डायबिटीज के साथ


डायबिटीज आधुनिक जीवन शैली ऐसी देन है जिससे पीछा छुडाना बहुत मुश्किल रहता है, पर यदि आप सतर्क हो जाए तो डायबिटिज के साथ भी स्वस्थ रह सकते हैं। डायबिटीज को पूर्ण रूप से दूर नहीं कर सकते, लेकिन नियंत्रण में रखकर स्वस्थ एवं सामान्य जीवन बीता सकते है। जैसे ही आप को डायबिटिज के लक्षण दिखें तुरन्त अपनें सारे टेस्ट करवाएं, और इस पर नियंत्रण के लिए नियमित संतुलित आहार, व्यायाम और जरूरी सावधानियां लें। ताकि बीमारी बढ़ने से पहले ही कन्टोल कर ली जाएं। आइए हम आपको बताते है किन उपायों को अपनाकर आप भी डायबि‍टीज के साथ अच्छे से जी सकते है।

 

डायबि‍टीज के साथ स्वस्थ रहने के उपाय

  • अगर आपका वजन बढ़ा हुआ है तो सबसे पहले उसे नियंत्रित करें क्योंकि ज्यादा वजन डायबि‍टीज का सबसे बड़ा दुश्मन है।
  • रोजाना सुबह की आधे घंटे की वॉक, साइकलिंग, सीढ़ियों का प्रयोग, योग और एरोबिक्स आदि डायबिटीज को कन्टोल करने में सहायक हैं। इसे अपनी दिनचर्या में शमिल करें।
  • बिस्क-वाक नियमित करें ताकि आपकी मांसपेशियां इंसुलिन पैदा कर सकें और ग्लूकोस को पूरा एब्जार्ब कर सकें।
  • तनाव को अपने से दूर रखें।
  • ब्लडशुगर का लेवल अगर प्राकृतिक तरीके से या खानपान से कंट्रोल नहीं होता तो दवा का सहारा लें। समय-समय पर अपना चेकअप कराने में बिल्कुल भी लापरवाही न बरतें।
  • डायबिटीज होने पर डाइट चार्ट को फॉलो करें, हैल्दी लाइफ स्टाइल अपनाएं और अपने खानपान पर पूरा ध्यान दें
  • रेशायुक्त खाद्य पदार्थों की मात्रा अपने भोजन मे बढाए, जैसे ब्राउन राइस, चोकरयुक्त रोटी, ब्राउन ब्रेड आदि।
  • तली हुई चीजों का सेवन न करें, कम से कम वेजीटेबल ऑयल का प्रयोग करें। अपनी डाइट में चावल का सेवन कम और नट्स का प्रयोग नियमित रूप से करें।
  • नियमित रूप से भारतीय हर्बस जैसे मेथीदाना, करेला, नीम का पाउडर एटीआक्सीडेंट आंवले का सेवन किसी भी रूप में करें।
  • अगर आप इंसुलिन ले रहे हैं तो एक छोटा कप टोंड दूध (बिना चीनी के) रात में नियमित रूप से लें।
  • अगर थोड़ी-थोड़ी देर पर खाना नहीं लेते तो हाइपोग्लाइसेमिया होने की आशंका काफी बढ़ जाती है जिसमें शुगर 70 से भी कम हो जाती है।
  • खाना लगभग हर कुछ घंटे बाद लेते रहें। दिन भर में तीन बार खाने के बजाय थोड़ा-थोड़ा पॉच-छह बार खाएं। खाने में फाइबर ज्यादा ले।
  • सेब, संतरा, नाशपाती में से कोई भी फल लें। ध्यान रहे, मीठे फल यानी आम, केला, चीकू, अंगूर और लीची से परहेज करें।
  • स्मोकिंग से परहेज करें, स्मोकिंग करने वाले डायबिटीज रोगियों में हार्ट अटैक के 50 पर्सेंट चांस अधिक होते हैं क्योकि स्मोकिंग से रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है।

इन सब उपायों को अपनाकर डायबि‍टीज रोगी डायबिटीज के साथ भी स्वस्थ जीवन जी सकते है।

डायबिटीज के असर को यूं करें बेअसर


डायबिटीज का आपकी जीवनशैली पर बहुत बुरा असर पड़ता है। जीवन में तमाम तरह की बंदिशें लग जाती हैं।डायबिटीज अकेले नहीं आती और अपने साथ कई तरह की बीमारियां लेकर आती है। इस बीमारी को रोकने की तमाम कोशिशें नाकाफी साबित हो रही हैं। लेकिन, इतना भी निराश होने की जरूरत नहीं। इस बीमारी के असर को बेअसर किया जा सकता है। जरूरत है कुछ उपायों को पूरी शिद्दत के साथ आजमाने की। तो, आइए जानते हैं कैसे आप कर सकते हैं डायबिटीज के असर को बेअसर-

 खानपान की आदतें सुधारें- डायबिटीज को रोकने और उसके असर से बचने के लिए सबसे जरूरी चीज है कि हम अपनी खानपान की आदतें सुधारें। मधुमेह के रोगी को अपने खानपान की आदतों को काबू रखना पड़ता है। उसे इस बात का ध्‍यान रखना जरूरी होता है कि वह क्‍या खा रहा है और कितना खा रहा है। क्‍योंकि प्रोटीन शरीर में मरम्‍मत का काम करता है इसलिए इस बीमारी से ग्रस्‍त व्‍यक्ति को अपने भोजन में प्रोटीन की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए। इसके साथ ही अपने भोजन में कॉर्बोहाइड्रेट की मात्रा भी कम कर देनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्‍योंकि कॉर्बोहाइड्रेट शुगर में परिवर्तित हो जाती है और यही शुगर आपको नुकसान पहुंचाती है। तो, ब्रेड, चिप्‍स, पास्‍ता, चावल आदि का सेवन कम करना चाहिए।

व्‍यायाम- शुगर के मरीज को व्‍यायाम जरूर करना चाहिए। कसरत करने से न सिर्फ शरीर की अतिरिक्‍त कैलोरी खर्च होती है, बल्कि साथ ही रक्‍त में मौजूद अतिरिक्‍त ग्‍लूकोस भी इस्‍तेमाल होता है। तो इससे शरीर में ग्‍लूकोज की मात्रा कम रहती है। लेकिन, साथ ही इस बात का भी खयाल रखें कि बहुत अधिक कसरत करना भी ठीक नहीं है। बेहतर रहेगा कि आप दिन में तीस मिनट तक पैदल चलें या कोई अन्‍य सामान्‍य व्‍यायाम करें।
तनाव से दूर रहें- रक्‍त में शर्करा की मात्रा का संतुलन गड़बड़ाने में तनाव की भूमिका महत्त्‍वपूर्ण होती है। तनाव से न सिर्फ वजन बढ़ता है, बल्कि साथ ही इससे शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध की भी बड़ी वजह बनता है। तो इसलिए जरूरी है कि तनाव से दूर रहा जाए। इसके लिए योग, हॉट बाथ, कसरत और मसाज आदि जैसे राहत उपायों का सहारा लिया जा सकता है।

अन्‍य विकल्‍प 
पोषण सप्‍लीमेंट भी डायबिटीज के असर को दूर रखने में महत्त्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, खासतौर पर टाइप 2 डायबिटीज के रोगियों के लिए। शरीर के लिए जरूरी सभी पोषक तत्त्‍वों की भरपाई यूं की जा सकती है-

मल्‍टी विटामिन और मिनरल

कैल्शियम, मैग्‍नीशियम और विटामिन डी

मछली का तेल

एंटीऑक्‍साइड

बी-कॉम्‍प्‍लैक्‍स विटामिन

यहां यह बताना जरूरी है कि डायबिटीज होने पर उससे निकल पाना लगभग नामुमकिन है। लेकिन, डायबिटीज के साथ जीना भी एक कला है और अगर आप स्‍वस्‍थ जीवनशैली अपनाएंगे तो आसानी से इस बीमारी के असर से दूर रह सकते हैं।

मधुमेह के लिए प्रभावी हर्बल उपचार


मधुमेह रोग के ईलाज के लिए आप हर्बल उपचार का प्रयोग भी कर सकते हैं। ऐसे बहुत से हर्बल उत्‍पाद हैं, जो कम समय में प्रभावी तरीके से मधुमेह के ईलाज में फायदेमंद हैं । मधुमेह सिर्फ बढ़ती उम्र की बीमारी नहीं, यह किसी भी उम्र में हो सकती है। यह ज़रूरी तो नहीं, लेकिन यह अवस्था अधिकतर उन लोगों में पाई जाती है जिनका वज़न आवश्यकता से अधिक होता है। मधुमेह रोगियों के शरीर में इंसुलिन निर्माण करने के क्षमता नहीं होती और वह पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का निर्माण करने में असमर्थ होते हैं।

 

करेले का सेवन:

मधुमेह के उपचार के लिए करेला सबसे बेहतरीन माना गया है। मधुमेह रोगी को शरीर में शुगर की मात्रा को कम करने के लिए, इसका अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए या नियमित रूप से एक चम्मच करेले के रस का सेवन करना चाहिए।

 

आंवले का सेवन :

आँवला, विटामिन सी की भरपूर मात्रा से युक्त होने के कारण, मधुमेह पर नियंत्रण रखने में सहायता करता है। दो महीने तक नियमित रूप से एक कप करेले के रस में इसका एक चम्मच रस मिलाकर पीने से पाचक ग्रंथियों से स्राव होता है जो कि इंसुलिन के स्राव में सहायता करते हैं।

 

खाली पेट पर पानी पीयें:

रोज़ सुबह खाली पेट पर पानी के साथ तुलसी, नीम और बेलपत्र के दस दस पत्तों का सेवन करने से मधुमेह पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है।

 

पलाश के पत्ते का प्रयोग:

पलाश के पत्ते भी मधुमेह को नियंत्रित करने में काफी सहायता करते हैं। ये रक्त के स्तर को कम करते हैं और ग्लुकोसिया में भी सहायक सिद्ध होते हैं।

 

मेथी के बीज लें:

दो चम्मच मेथी के पिसे हुए बीज दूध के साथ सेवन करें। दो चम्मच मेथी के साबुत बीज भी खाए जा सकते हैं।

 

करी पत्तों का सेवन:

तीन महीनों तक दस पूर्ण विकसित करी पत्तों का सेवन करने से विरासत में मिली मधुमेह की बीमारी से काफी राहत मिलती है।

 

प्याज़ और लहसुन का प्रयोग:

प्याज़ और लहसुन का सेवन अधिक मात्रा में करने से भी मधुमेह के रोग में काफी लाभ मिलता है।

 

अंजीर के पत्‍ते:

अंजीर के पत्ते भी रक्त में मौजूद शक्कर को नियंत्रण में रखने में काफी हद तक सहायक सिद्ध होते हैं।

 

सोयाबीन का सेवन:

सोयाबीन में कैलशियम, प्रोटीन, आयरन, विटामिन ए और रेशे मौजूद होते हैं, जो मधुमेह के रोगी के लिए लाभप्रद साबित होते हैं।


कच्‍चे केले का सेवन:

हरे केले को छील लें, और उसके छिलकों को एक कांच के बर्तन में रखकर उसमे पानी भर दें। इस पानी का सेवन दिन में दो या तीन बार करने से आपको मधुमेह में काफी लाभ मिलता है।

डायबीटिज से बचाव के प्राकृतिक उपचार


ड़ायबीटिज एक बहुत हीं खतरनाक बीमारी है लेकिन अगर आप प्राकृतिक उपायों से इस पर नियंत्रण कर  सके तो मधुमेह से आपको घबराने की जरुरत नहीं है।डायबीटिज को समझें और उसका उपचार करें। निम्न कुछ प्राकृतिक उपचार से आप ड़ायबीटिज पर नियंत्रण पा सकते हैं।

  • दालचीनी: अध्ययन से पता चलता है कि दालचीनी मधुमेह को नियंत्रित करने में बहुत हीं महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दालचीनी लगभग हर घर में पाया जाता है। यह हानिकारक कोलेस्ट्रोल को कम करता है और आपके शरीर में रक्त शर्करा कि मात्रा को भी घटाता है जिससे मधुमेह के रोगियों को बहुत हीं लाभ पहुँचता है। दालचीनी भले हीं मधुमेह का प्राकृतिक उपचार करने में सहायक सिद्ध होता है लेकिन इसका अत्यधिक सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे लाभ कि बजाये नुकसान हो सकता है। आप दालचीनी पीस लें और चुटकी भर चाए में उबालकर दिन में एक दो बार पिया करें।  जो लोग मधुमेह के शिकार हो चुके हैं और उसके लिए दवाइयां ले रहे हैं वे दालचीनी का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर कि सलाह अवश्य लें। लेकिन जिन्हें मधुमेह नहीं हुआ है या जो अब तक मधुमेह कि दवाइयां नहीं ले रहे हैं वे अगर दालचीनी का नियमित रूप से सेवन करें तो वे ड़ायबिटिज  के शिकार होने से बच सकते हैं।
  • अंजीर के पत्ते : अंजीर के पत्ते कई प्रकार के रोगों के उपचार में लाभ पहुंचाते हैं जैसे ब्रोंकाइटिस, जननांग मौसा, लीवर सिरोसिस, उच्च रक्तचाप इत्यादि। लेकिन मधुमेह के इलाज के लिए अंजीर के पत्ते सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं। अंजीर के पत्तों से न सिर्फ मधुमेह का उपचार किया जाता है बल्कि ये पत्ते और भी कई बीमारियों में लाभ पहुंचाते है। इसके पत्ते को उबालकर, छानकर, पानी को ठंढा करके पीया करें।
  • आम के पत्ते:  यूँ तो पका हुआ आम मधुमेह के मरीजों के लिए पूरी तरह से वर्जित होता है लेकिन इसके विपरीत आम के पत्ते मधुमेह के मरीजों को काफी लाभ पहुंचाते  हैं। आप आम के कुछ ताजे पत्तों को एक ग्लास पानी में उबाल लें और रात भर उसे वैसे हीं छोड़ दें। सुबह होने पर पानी को स्वच्छ कपडे से छान लें और खाली पेट में पी लिया करें। ऐसा नियमित रूप से कई दिनों तक करने से ड़ायबीटीज के मरीजों को काफी फायदा पहुंचता है। यह मधुमेह के लिए एक बहुत हीं प्रभावी प्राकृतिक एवं घेरेलू  उपाय है।
  • मेथी के बीज: ड़ायबीटिज को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित करने में मेथी के बीज भी बहुत हीं कारगर सिद्ध होते हैं। मेथी के बीज में कुछ ऐसे घटक छिपे होते हैं जो आपके शरीर के भीतर मौजूद रक्त शर्करा को कम करते हैं। इसमें ४ हाईड्रोओक्सीसोल्युसीन नामक अमीनो एसिड होता है। यह अमीनो एसिड आपके अग्न्याशय से इंसुलिन का स्राव उत्तेजित करते हैं जिसकी वजह से आपके रक्त में मौजूद शर्करा इंधन के रूप में बदल जाता है।  इस तरह एक ओर  जहाँ इस प्रक्रिया से आपको शक्ति एवं उर्जा मिलती है वही दूसरी ओर आपके शरीर में रक्त शर्करा की मात्रा कम होती है। मेथी के बीज में जेनटियानाइन, ट्रीगोनेलीन  और कारपाइन नामक घटक भी पाए जाते हैं जो आपके भोजन से कार्बोहाईडरेट का अवशोषण धीमा करते हैं और आपके रक्त प्रवाह में ग्लूकोज की मात्रा घटाते हैं।
  • करेले का रस: ताजे करेले का रस भी ड़ायबीटिज को नियंत्रित करने का एक बहुत हीं प्रभावकारी प्राकृतिक उपचार है। एक छोटे से करेले का बीज निकाल लें और करेले का रस निकलकर रोजाना सुबह सुबह खाली पेट में पीया करें। यह आपके लीवर और अग्न्याशय को स्वस्थ रखता है जिससे कि इंसुलिन का उत्पादन सुचारू रूप से होता रहता है और आपके रक्त में रक्त शर्करा की मात्रा बढ़ने नहीं पाती।